Love marriage ke upay: सनातन धर्म में विवाह को पवित्र और शुभ कार्य के रूप में माना जाता है। धर्म पंडितों के अनुसार, सनातन धर्म में विवाह के 8 प्रकार होते हैं, जिनमें ब्रह्म विवाह, देव विवाह, आर्ष विवाह और प्राजापत्य विवाह प्रमुख हैं। वर्तमान में ब्रह्म विवाह को अरेंज्ड मैरिज कहा जाता है, जबकि गंधर्व विवाह को Love Marriage कहा जाता है। आजकल प्रेम विवाह की प्रचलना बढ़ रही है, जिसमें दोनों प्रेमी एक-दूसरे के साथ रहना चाहते हैं। परंतु कभी-कभार माता-पिता की सहमति नहीं मिलने से लव मैरिज में बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
इसके लिए शास्त्र में उपाय दिए गए हैं, जो लव मैरिज में आ रही बाधाओं को दूर करते हैं। यदि अगर आप भी प्रेम विवाह करना चाहते हैं, तो यहाँ हम आपको कुछ Love marriage ke upay बता रहे हैं जो लव मैरिज में आ रही बाधा को दूर कर सकते हैं। इन उपायों को करने से आपको अधिक समर्थ और प्रेरित महसूस हो सकता है कि आप अपने संबंध को मजबूती से आगे बढ़ा सकते हैं।
- अगर आपको लव मैरिज के लिए माता-पिता की सहमति नहीं मिल रही है, तो आपको शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद पीला वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद, आपको आचमन कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा उपासना करनी चाहिए, जिसमें ’ॐ लक्ष्मी नारायण नमः’ मंत्र का जाप करना होगा। इस उपाय को लगातार 11 गुरुवार तक करने से लव मैरिज की संभावना बढ़ जाती है।
- यदि आप चाहते हैं कि आप लव मैरिज करें, तो हर गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाएं और पूजा करें, उन्हें प्रसाद चढ़ाएं और मंदिर के बाहर उपस्थित लोगों के बीच बांटें। इस उपाय को लगातार तीन महीने तक करें।
- अगर आपको लव मैरिज में आ रही बाधा को दूर करना है, तो हर शुक्रवार को नहाने-धोने के बाद लाल रंग के कपड़े पहनें और अपने निकटतम दुर्गा मंदिर जाएं। वहाँ जगत जननी मां दुर्गा को श्रृंगार का सामान भेंट करें। इस उपाय को कम से कम 16 शुक्रवार तक निरंतर करें। इससे लव मैरिज के योग बढ़ जाते हैं।
- यदि आपको प्रेम में विश्वास है और लव मैरिज की इच्छा है, लेकिन कोई कारण शादी नहीं हो रही है, तो आप भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर जाकर उन्हें पूजा करें। ध्यानपूर्वक “ॐ क्लीं कृष्णाय नमः” मंत्र का जाप करें और उन्हें बांसुरी अर्पित करें।
- “तब जब जनक ने बसिष्ठ राजा को बुलाया, तो उन्होंने सब कुछ वितरित किया! मांडवी, श्रुतकी, रति, और उर्मिला को लेकर हर्षित होकर चले।” यह चौपाई रोज 108 बार जपने से प्रेम विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान कर सकता है।