What is Quantum Internet? How does it works?

Quantum Internet आखिर है क्या ? क्या ये हैकर्स का अंत है या नई शुरुआत !

Blog

ज़रा सोचिये आज अगर ऐसा इंटरनेट हो जिसे कोई हैक न कर पाए और जो स्पीड में आज के 5G को भी पीछे छोड़ दे वही ही  है Quantum Internet! आखिर आज के समय पर हम सुबह उठते ही सबसे पहले अपना मोबाइल चेक करते है और आज कल हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज़ इंटरनेट से जुडी हुई है अब इंटरनेट सिर्फ एक सुविधा नहीं हमारी ज़रुरत बन चुका है ।  

लेकिन अब जिस तकनीक की चर्चा ज़ोरों पर है, वो इंटरनेट की दुनिया को पूरी तरह बदलने वाली है। इसका नाम है — Quantum Internet !

तो  चलिए जानते है आखिर क्वांटम इंटरनेट (Quantum Internet) है क्या ?

Quantum Internet क्या है? (What is Quantum Internet)

Quantum Internet एक नई तकनीक है, जो इंटरनेट की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लानी वाली है । Quantum Internet कोई आम नेटवर्किंग सिस्टम (networking system) नहीं है, बल्कि ये काम करता है क्वांटम फिजिक्स (Quantum Physics)  के कुछ सिद्धांतों पर। 

इसे ठीक से समझने के लिए पहले हमें Quantum  Entanglement  के बारे में जानना पड़ेगा  — 

    तो मान लीजिये दो छोटे-छोटे कण हैं, जो आपस में इस तरह जुड़े हैं कि अगर एक में कोई बदलाव होता है, तो दूसरा भी उसी पल बदल जाता है — चाहे वो दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो।

तो  यही है Quantum Entanglement — और यही इस नए इंटरनेट की रीढ़ है।

अब जब इंटरनेट क्वांटम टेक्नोलॉजी (Quantum Internet) पर  चलता है, तो डेटा भेजने का तरीका भी बदल जाता है। पहले या फिर अगर हम आज की बात करे तो इंटरनेट में हम डेटा को 0 और 1 मतलब  क्लासिकल बिट्स (Classical bits)  में भेजते हैं। लेकिन Quantum Internet में डेटा जाता है क्वांटम बिट्स (qubits) के रूप में, जो एक साथ 0 और 1 दोनों हो सकते हैं।

Quantum Internet का सबसे बड़ा फायदा यह है के इसे हैक करना बहुत मुश्किल और नामुमकिन है ।Quantum Internet सिर्फ तेज़ और सुरक्षित कम्युनिकेशन का जरिया ही नहीं है, बल्कि यह हमें क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing), साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) और नई डिजिटल एप्लिकेशन (New digital applications) की दुनिया में भी ले जा सकता है।

Quantum Internet कैसे काम करता है? / How does Quantum Internet work?

 Quantum Internet का काम करने का तरीका आज के इंटरनेट से बिल्कुल अलग है और ये काफी इंटरेस्टिंग (interesting) भी है। यह कुछ ऐसे सिद्धांतों और तरीकों पर बेस्ड और आधारित है जो विज्ञान की दुनिया में क्रांति लाने वाले माने जाते हैं।

चलिए इसे आसान भाषा में समझते है : 

 1. Quantum Entanglement : 

        Quantum Internet की नींव Quantum Entanglement पर टिकी है इसमें दो क्वांटम कण इस तरह आपस में जुड़े होते हैं कि अगर एक कण में कुछ भी बदलाव होता है, तो दूसरा कण भी तुरंत वैसा ही रिस्पॉन्ड करता है चाहे दोनों के बीच लाखों किलोमीटर की ही दूरी क्यों न हो। अब जब दो कण इतनी तेजी से एक-दूसरे से बात कर सकते हैं, तो ये इंटरनेट के लिए बहुत फायदेमंद होगा ।

 2. Quantum Key Distribution (QKD):  

       Quantum Key Distribution भी Quantum Internet की एक और खासियत है यह एक खास तरह की एन्क्रिप्शन (encryption) तकनीक है जो डेटा को भेजने से पहले एक यूनिक क्वांटम (unique quantum) “key” बनाती है। अगर कोई हैकर बीच में आने कोशिश करता है, तो सिस्टम को तुरंत पता चल जाता है और कनेक्शन वहीं के वहीं ऑटोमेटिकली बंद हो जाता है।  मतलब डेटा चोरी की कोई पॉसिबिलिटी (possibility) ही नहीं बचती।

3. Photon-Based Communication : 

      Quantum Internet में डेटा को ट्रांसफर करने के लिए फोटॉन्स (Photon) का इस्तेमाल होता है ये वही कण हैं जिनसे रोशनी बनती है। ये फोटॉन्स डेटा को बहुत तेज़ी से और  सुरक्षित तरीके से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं।

तो इसका मतलब: 

  • इंटरनेट की स्पीड इतनी तेज़ होगी कि डेटा कुछ ही सेकण्ड्स में ट्रांसफर हो जाएगा।
  • सिक्योरिटी लेवल (security level) भी हाई होगा।
  • डेटा के खोने या गड़बड़ होने का कोई चांस ही नहीं।

Quantum Internet भारत में कब आएगा? | When will Quantum Internet come to India?

भारत भी Quantum Internet की रेस में अब पीछे नहीं है। सरकार और ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) इस पर तेजी से काम कर रहे हैं। 

फरवरी 2021 में भारत ने अपना पहला सफल Quantum Communication टेस्ट पूरा किया। इस टेस्ट के दौरान दो सरकारी संस्थानों के बीच — जो कि करीब 300 मीटर की दूरी पर थे Quantum तकनीक के ज़रिए डेटा भेजा गया। यह एक free-space Quantum link था, जिसमें किसी भी तरह का कोई भी वायर या फाइबर (wire or fibre) का इस्तेमाल नहीं किया गया था और  ये टेस्ट सिर्फ एक छोटा-सा ट्रायल नहीं था, बल्कि एक संकेत था कि आने वाले वक्त में भारत का खुद का Quantum Internet नेटवर्क भी बन सकता है।

भारत में Quantum Internet का रोडमैप:

  • 2025–2026 तक: शुरुआती Quantum नेटवर्क की नींव

भारत का लक्ष्य है कि 2025–2026 तक देश में एक बेसिक Quantum Communication नेटवर्क तैयार कर लिया जाए। इस नेटवर्क में कुछ प्रमुख शहरों या संस्थानों को आपस में जोड़कर Quantum Key Distribution (QKD) जैसी सुरक्षित तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

  • 2030 तक: देश के प्रमुख शहर Quantum लिंक से जुड़े होंगे

2030 तक भारत का लक्ष्य है कि बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे आदि को एक Quantum नेटवर्क से जोड़ा जाए, ताकि सरकारी संचार, वित्तीय लेन-देन, रक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह सुरक्षित और हैक-प्रूफ (Hack Proof) हो सकें। 

  • National Quantum Mission: 6000 करोड़ की योजना

भारत सरकार ने अप्रैल 2023 में “National Quantum Mission” की शुरुआत की, जिसमें करीब ₹6000 करोड़ का  निवेश किया जा रहा है। इसका उद्देश्य है:

  1. 20–1000 qubits तक के Quantum Computer बनाने का लक्ष्य है।
  2. Quantum Sensors, Quantum Clocks और Quantum Imaging जैसी cutting-edge तकनीकों का विकास  करना भी लक्ष्य है।
  3. और देश में 2000 किलोमीटर तक फैले एक मजबूत Quantum नेटवर्क की स्थापना करना।

Quantum Internet के  फायदे 

  • सुरक्षा 

क्वांटम (Quantum) तकनीक की खासियत ये है कि अगर कोई डेटा को चुराने या बीच में छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है तो उसकी जानकारी तुरंत मिल जाती है।

  • तेज़ स्पीड

Quantum Internet में डाटा फोटॉन्स यानी प्रकाश के कणों के ज़रिए भेजा जाता है, जो आज के  इंटरनेट की तुलना में कहीं ज्यादा तेज़ है। इसका मतलब ये है:

  • वीडियो कॉल्स (video calls) में कोई लैग नहीं आएगा ।
  • बड़ी फाइल जल्दी ट्रांसफर हो पायेगी ।
  • और ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) का  एक्सपीरियंस (experience) पहले से ज्यादा अच्छा हो जायगा ।
  • भविष्य की तकनीकों की रीढ़

Quantum Internet आने वाले समय की कई क्रांतिकारी तकनीकों की बेसलाइन बनेगा, जैसे:

  • Quantum Computing: जो आज के सबसे तेज़ कंप्यूटर से भी लाखों गुना तेज़ होंगे ।
  • AI और मशीन लर्निंग: तेज़ और सुरक्षित डेटा प्रोसेसिंग होनी शुरू हो जाएगी । 
  • डिफेंस कम्युनिकेशन (Defence Communication): सेना और सुरक्षा एजेंसियों के लिए गुप्त संचार करना आसान हो जायेगा ।
  • और सुपर सेफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (Financial transactions) होगी । 

निष्कर्ष 

Quantum Internet सिर्फ एक नई टेक्नोलॉजी (technology) नहीं बल्कि इंटरनेट की अगली पीढ़ी है यह एक ऐसा इंटरनेट जो हमारी डिजिटल दुनिया (digital world) को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़, सुरक्षित और स्मार्ट बना सकता है।

यह न केवल हमारे डेटा को साइबर हमलों से बचाएगा बल्कि  फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (financial transactions) और रिसर्च (research) जैसी चीज़ों को भी पूरी तरह बदल कर रख देगा।

Also Read : What is ChatGpt? How to use it?