मोदी सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का Notification जारी कर दिया है। यहाँ बताया जा रहा है कि संसद से सीएए (Citizen Amendment Act) के पास होने में करीब 5 साल बीत चुके हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार ने देश में सीएए को लागू करने का बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब देश के तीन पड़ोसी देशों के विस्थापित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलेगी। उन्हें भारत सरकार द्वारा तैयार ऑनलाइन पोर्टल में आवेदन करने होंगे।
CAA कानून क्या है?
नागरिकता संशोधन कानून 2019 भारत के तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जो दिसंबर 2014 तक किसी न किसी प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में शरण लिए हुए हैं।
इसमें गैर-मुस्लिम माइनोरिटी- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग भी शामिल हैं। बताया जाता है कि भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को CAA से कोई खतरा नहीं है।
CAA किस साल में पारित हुआ था?
आपको बता दें कि पहली बार CAA 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था, जिसको वहां पास कर दिया गया था। लेकिन इसे राज्यसभा में मंजूरी नहीं मिली थी। फिर इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया, और 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद यह बिल फिर से लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास हुआ। इसके बाद 10 जनवरी, 2020 को राष्ट्रपति द्वारा इसे मंजूरी मिली थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे लागू करने में देरी हुई।
नागरिकता किसको मिल सकेगी?
CAA लागू होने के बाद भारतीय नागरिकता किसी को भी नहीं दी जाएगी, इस अधिकार केंद्र सरकार के पास है। लेकिन, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी।
इसके लिए उन्हें 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आना चाहिए और उन्हें वैध यात्रा दस्तावेज के साथ या बिना आना चाहिए, लेकिन उन्हें विधान के अनुसार समय सीमा से अधिक समय यहाँ रहना चाहिए।
कैसे करना होगा आवेदन?
अब भारतीय नागरिकता प्राप्ति की प्रक्रिया को Online बनाया गया है। एक नया वेबसाइट तैयार किया गया है, जिस पर लोगों को उस साल की जानकारी देनी होगी, जब वे बिना किसी प्रमाण पत्र के भारत आए थे। नागरिकता प्राप्ति के लिए किसी प्रकार के कागज़ात नहीं चाहिए होंगे। योग्य व्यक्तियों को केवल Website पर जाकर अपना आवेदन करना होगा। उसके बाद, गृह मंत्रालय आवेदन की जाँच करेगा और नागरिकता certificate जारी कर दिया जाएगा।