Navratri में माँ दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन क्या आप जानते है कि इन शुभ दिनों में 9 रंगों का भी महत्व है। माँ दुर्गा के 9 रूप 9 विशिष्ट रंग से जुड़े हुए है। आज हम इन्ही के बारे में विस्तार से जनेंगे।
नवरात्री साल में 2 बार आती है एक चैत्र नवरात्रि जो की मार्च-अप्रैल में आती है और शरद नवरात्रि जो सितंबर-अक्टूबर में आती है। भक्त इन दोनों नवरात्री को भव्यता के साथ मनाते है। भक्त इन दिनों में व्रत रहते है और माँ को प्रसन्न करने के लिए भजन-गीत, पूजा-पाठ आदि करते है। माँ दुर्गा के 9 रूप एक विशिष्ट रंग से भी जुड़े हुए है। इन 9 रंगों का काफी महत्व और अर्थ है।
Navratri का पहला दिन – माँ शैलपुत्री
नवरात्रि का पहला दिन बहुत खास होता है इस दिन ही शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाती है और माता शैलपुत्री जिन्हे पहाड़ों की बेटी माना जाता है उनकी पूजा की जाती है। शैलपुत्री मां प्रकृति का प्रतीक है और उनका पसंदीदा फूल चमेली है। जोकि पिले रंग का होता है। ये रंग जीवन में चमक, खुशी और उत्साह का प्रतीक कहा जाता है।
Navratri का दूसरा दिन – माँ ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि का दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी का है। ये दिन हरे रंग को समर्पित है जो नवीकरण, प्रकृति और ऊर्जा से का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के दूसरे दिन इस रंग के कपड़े पहनने से जीवन में विकास, सद्भाव और नवीन ऊर्जा आती है। माँ ब्रह्मचारिणी को ये रंग प्रिय है।
Navratri का तीसरा दिन – माँ चंद्रघंटा
तीसरा दिन Navratri का माँ चंद्रघंटा का है। माता का पसंदीदा रंग ग्रे है। ग्रे रंग बुराई को नष्ट करने के उत्साह और दृढ़ संकल्प का प्रतीक माना जाता है। इस लिए इस दिन ग्रे रंग के कपड़े पहनें।
Navratri का चौथा दिन – माँ कूष्माण्डा
शारदीय नवरात्री का चौथा दिन माँ कूष्माण्डा को समर्पित है। मान्यता के अनुसार इनकी दिव्य मुस्कान से दुनिया का निर्माण हुआ है। यही कारण है कि वह हंसमुख रंग नारंगी से जुड़ी हुई है। यह रंग जीवन में चमक, खुशी और सकारात्मक ऊर्जा का है। इस लिए इस दिन नारंगी कपड़े पहनें।
Navratri का पांचवा दिन – माँ स्कंदमाता
Navratri का पांचवा दिन स्कंदमाता का है, इनके एक हाथ में भगवान कार्तिकेय विराजमान है। इस लिए देवी के इस रूप की पूजा करने से भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय की भी पूजा करने का लाभ मिलता है। इनको सफ़ेद रंग प्रिय है जो जो पवित्रता, शांति और ध्यान का प्रतीक माना जाता है। इस लिए इस शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन सफ़ेद रंग के कपड़े पहनें।
Navratri का छठा दिन – माँ कात्यायनी
छठे दिन मां दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी का माना जाता है। माँ का ये रूप काफी शक्तिशाली हैं। माता कात्यायनी के इस रूप को भद्रकाली के नाम से भी जाना जाता है। माँ दुर्गा का ये रूप बहुत क्रोध वाला है। लाल रंग शत्रुओं के प्रति देवी के क्रोध और निर्भयता का प्रतीक है। इस लिए इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनें।
Navratri का सातवां दिन – माँ कालरात्रि
माता कालरात्रि माँ दुर्गा का सातवां अवतार है। देवी का ये रूप सभी राक्षसों का नाश करने वाला माना जाता है। देवी की अनंत शक्ति को नीले रंग से दर्शाया गया है। इस लिए नवरात्री के सांतवें दिन नील रंग के कपड़े पहनने चाहियें। इससे माँ प्रसन्न होती है और सभी संकटों व शत्रुओं को दूर कर देती है।
Navratri का आठवां दिन – माँ महागौरी
माँ दुर्गा का आठवां रूप महागौरी का है। माँ का ये रूप अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति रखता है। माता महागौरी को गुलाबी रंग प्रिय है। इसलिए आठवें दिन गुलाबी रंग के कपड़े पहने जाते है। ये रंग जीवन में आशा, आत्म-शोधन और सामाजिक उत्थान का प्रतीक है।
Navratri का नवां दिन – माँ सिद्धिदात्री
Navratri का नवां दिन नवरात्रि का अंतिम दिन है। ये दिन माँ सिद्धिदात्री का है। देवी का यह रूप ज्ञान-सिद्धि देने वाला है। माँ को बैंगनी रंग प्रिय है। जिसे महत्वाकांक्षा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस लिए नवरात्रि के अंतिम दिन बैंगनी रंग के कपड़े पहनें जाते है।
निष्कर्ष– आज हमने आपको बताया कि नवरात्री के 9 दिनों में किन 9 रंगों का महत्व है और आपको किस दिन कौनसे रंग के वस्त्र धारण करने है। इससे जुड़ा हुआ आपका कोई प्रश्न हो तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते है।