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Google के नए बदलाव 2025 में – क्या बदला इस बार ?

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गूगल जो एक सर्च इंजन है जिसके {CEO } श्री सुन्दर पिचाई जी है उन्होंने हालहिं में कुछ बदलाव किये है क्या है वो बदलाव आईये जानते है। 

1.इस वर्ष गूगल I/O में हुए बदलाव

गूगल ने सामान्य का फोकस ए आई {आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस } पर उपदटेस किये और फीचर्स पर सबसे ज्यादा रहा इंवेंट के दौरान कंपनी ने एक ऐसा नया टूल पेश किया जो AI जेनरेटेड कंटेंट की पहचान कर सकेगा 

A.I के बढ़ते चलन में लोगो ने कंटेंट को AI द्वारा लिखवाना चालू कर दिया था जिससे लोगो को ओरिजिनल कंटेंट नहीं मिल पाता था इसी समस्या का समाधान करते हुए गूगल ने इस समस्या का समाधान निकल कर अब एक नया टूल को पेश किया है जिससे अब पता चल सकेगा की कंटेंट AI द्वारा लिखा गया है या किसी व्यक्ति के द्वारा इससे अभी टेस्टिंग के लिए रखा गया है 

2.नाम क्या है इस AI टूल का ?

SynthID Detector के नाम से गूगल ने नया टूल को पेश किया जो ए-आई के द्वारा बनाये कंटेंट की पहचान करेगा और अपने दर्शको को ओरिजिनल कंटेंट उपलब्ध कराएगा हालांकि ये अभी टेस्टिंग फेस में है कंपनी का कहना है की यह इसके AI मॉडल्स की मदद से पता भी लग जायेगा और उसकी पहचान भी करेगा। 

3.इस टूल की बात सबसे पहले कब हुई थी ?

इस टूल की सबसे पहले बात 2023 में हुई थी,SynthID को एक ऐसी तकनीक के रूप में हुई थी जो कंटेंट को एक अदृश्य वॉटरमार्क से जोड़ सकती है जिसे हटाया या जिसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है उसके बाद में इसको 2024 में कंपनी ने बिज़नेस और डेवेलपर्स के लिए टेक्स्ट वॉटरमार्किंग तकनीक को ओपन सोर्स किया ख़ास सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करके देखने पर यह अदृश्य वॉटरमार्क दिखाई देता है

Google ने अब SynthID Detector नाम का एक वेरिफिकेशन पोर्टल पर टेस्टिंग कर रही है जिसका काम AI को डिटेक्ट करना होगा और ये लोगो को मीडिया में AI चेक करने की अनुमति देगा

4.गूगल का क्या कहना है इसके बारे में ?

गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि यह नया पोर्टल तेज़ी से विकसित हो रहे परिदृश्य में ट्रांसपेरेंसी लाता है “VEO 3 और Imagen 4 AI जैसे मॉडल ह्यपेरेअलिस्टिक इमेज और वीडियो बना सकते है। इतने उन्नत AI कंटेंट जनरेशन के चलते डीपफेक का खतरा भी बढ़ गया है।

ख़ास क्या है इसके अलावा गूगल के इन बदलावों में ?

गूगल के नए अर्टिफिकल असिस्टेंट जिसका नाम गूगल जैमिनी है ये गूगल का सबसे आधुनिक आर्टिफीसियल असिस्टेंट गूगल का पहला वाला सॉफ्टवेयर जिसका नाम गूगल असिस्टेंट है ये उससे आधुनिक है क्युकी गूगल असिस्टेंट अल्गोरिथम पर काम करता था लेकिन गूगल जैमिनी पूरा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पे आधारित है पहले गूगल जैमिनी में जब आप कैमरा खोलते थे तब जैमिनी आपसे बात करता था और लेकिन अब ये सुविधा गूगल ने अपने जैमिनी ऐप में डाल दिया है,और अब गूगल ने इस सुविधा को गूगल क्रोम में भी डाल दिया है जिससे अब ये सीधा नए टैब में खुलेगा 

गूगल ने इससे हिंदी तमिल मराठी और अन्य 8 भाषाओं में उपलब्ध करा दिया है जिसका मतलब है की अब ये आपसे आपकी भाषा में बात करेगा। 

गूगल मीट में भी किये गे है ये बदलाव 

गूगल ने इस बार गूगल मीट में ऐसा फीचर लाया है जिससे सभी लोगो को बहुत बड़ा फायदा होगा इस साल गूगल ने अपने गूगल मीट में ट्रांसलेशन का उपयोग किया है इसका फायदा ये होगा की आप अपने क्लाइंट या अपने किसी भी दोस्त जो की किसी और भाषा में बोलता है और आपको वो भाषा नहीं आती है तो आप इस फीचर से आप उसकी बात को समझ सकेंगे और आपको बातचीत करने में आसानी होगी और आप अपने कॉन्टेक्ट्स और अच्छे और मज़बूत कर पाएंगे 

सबसे बड़ा बदलाव 

गूगल ने अपने लोगो में कुछ बदलाव किये जिसमे गूगल ने अपने लोगो को थोड़ा और अच्छा बनाया है लेकिन गूगल में जो लेटर G था उससे नहीं बदला गया सिर्फ उससे थोड़ा और बेहतर किया गया है,सबसे बड़ा बदलाव इसलिए है क्युकी गूगल ने 10 साल बाद अपने लोगो में बदलाव किया है