Dussehra 2022: भारत के इन 5 मंदिरों में आज भी होती है रावण की पूजा
दशहरा 2022 हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत है। नवरात्रि के 9 दिनों तक चलने वाले त्योहार के समाप्त होने के बाद, इस त्योहार के दसवें दिन को दशहरा के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार देश के अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न नामों से जाना जाता है। इसे पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। Dussehra 2022 तिथि क्या है और भारत के ऐसे कौन से मंदिर है जहां रावण की पूजा होती है। यह सब आज हम इस लेख में जानेंगे।
Dussehra 2022 | दशहरा 2022 तिथि
विजयदशमी या दशहरा का यह पर्व अश्विन मास में मनाया जाता है। विजयदशमी दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें विजय का अर्थ है जीत और दशमी का अर्थ है दसवां दिन। क्या आप दशहरा कब है? इस बात को लेकर असमंजस में हैं तो आपको बता दें दशहरा 5 अक्टूबर 2022 को है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक यह त्योहार हर साल अश्विन के महीने के दसवें दिन मनाया जाता है। इस साल यह 5 अक्टूबर दिन बुधवार को मनाया जाता है। इस दिन कई भारतीय राज्यों के सभी सार्वजनिक कार्यालयों, स्कूल, बैंक, निजी कार्यालयों में अवकाश रहता है।
Dussehra 2021 date
दशहरा का समय वह समय है जब लोग अपने जीवन से बाधाओं को दूर करने के लिए देवी दुर्गा से प्रार्थना करते हैं। भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारो ंमें से एक यह त्योहार पूरे देश में बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। दशहरा 2021 में 15 अक्टूबर को मनाया गया था। कोविड-19 महामारी के कारण यह कम धूम धाम से मनाया गया था। सरकार ने लोगों से आग्रह किया था कि वे टीकाकरण के बाद ही पंडालों में जाएं। पंडालों के आयोजक से किसी भी पूजा स्थल पर बड़ी भीड़ इकट्ठा नहीं करने के लिए कहा गया था।
Dussehra 2022: भारत में रावण के 5 प्रसिद्ध मंदिर| 5 Famous temples of Ravana in India
हिंदू पौराणिक कथाओं में रावण का उल्लेख एक राक्षस के रूप में किया गया है। जिसने भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण किया था। वह लंकापति था जिसे भगवान राम ने पराजित कर उसका वध किया था। लेकिन ये बहुत कम लोगों का यह बात मालूम है कि रावण एक राक्षस होने के साथ-साथ एक ब्राह्मण विद्वान और एक महान ज्योतिषी भी था। भारत के कई हिस्सों में रावण को भगवान के रूप में पूजा जाता है। और लोगों ने इसके लिए मंदिरों का भी निर्माण किया है। इन मंदिरों में किसी भी अन्य हिंदू देवता की तरह ही पूरी आस्था और भक्ति के साथ रावण की पूजा करी जाती है। आइये हम भारत में स्थित रावण के उन 5 प्रसिद्व मंदिरों के बारे में जानते हैं। जहां उन्हें भगवान की तरह पूजा जाता है।
1. रावण मंदिर बिसरख, गे्रटर नोएडा, उत्तर प्रदेश
बिसरख गे्रटर नोएडा से दस किलोमीटर स्थित एक गांव है। इस जगह को रावण का जन्मस्थान माना जाता है। गांव में रावण को समर्पित मंदिर है, जिसमें शिवलिंग के साथ उनकी मूर्तियां स्थापित हैं, क्योंकि रावण भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। गांव के लोग दशहरा का त्योहार नहीं मनाते हैं और नवरात्रि के नौ दिन की अवधि उत्सव के बजाय शोक में बिताई जाती है। गांव के स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर गांव में कभी रामलीला की जाती है, तो इससे ग्रामीणों पर रावण का प्रकोप भड़क जाएगा। रावण के पुतले जलाने के बजाय, लोग इस त्योहार के दौरान शिवलिंग को अग्नि यज्ञ करते है और रावण को श्रद्वांजलि देते हैं।
2. दशानन मंदिर कानपुर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में एक और ऐसी जगह है जहां रावण को देवता की तरह पूजा जाता है। यह स्थान उत्तर प्रदेश का प्रसिद्व कानपुर शहर है। जहां रावण को समर्पित एक भव्य मंदिर का निर्माण हुआ था। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर, जहां रावण की पांच फीट की मूर्ति स्थापित है का निर्माण एक स्थानीय शासक महाराजा शिव शंकर ने सौ साल पूर्व किया था।
मंदिर छिन्नमस्तिका मंदिर परिसर के भीतर स्थित है, क्योंकि रावण को छिन्नमस्तिका का द्वारपाल माना जाता था। ऐसा कहा जाता है रावण जो शिव का सबसे बड़ा उपासक था, भगवान शिव को प्रसिद्ध करने के लिए देवी छिन्नमस्तिका के द्वार की रखवाली करता था। कानपुर का यह मंदिर साल में केवल एक ही बार दशहरा के दिन खुलता है। भक्तगण इस मंदिर में जाते हैं और भगवान शिव, देवी छिन्नमस्तिका और रावण की पूजा करते हैं। मंदिर को सुबह खोल दिया जाता है और रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाने के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिये जाते हैं।
3. काकीनाडा रावण मंदिर, आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में भी रावण का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहां रावण और शिव भगवान दोनों की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि रावण ने इस मंदिर को स्वयं ही बनवाया था। रावण जो कि बहुत बड़ा शिवभक्त था उसने इस मंदिर को भगवान शिव की मूर्ति के चारों ओर बनवाया था। बाद में, शिव की मौजूदा मूर्ति के साथ रावण की एक मूर्ति भी स्थापित की गई। अब यहां रावण और शिव दोनों की ही पूजा करी जाती है। आंध्र प्रदेश का यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां रावण की पूजा करी जाती है।
4. मंडोर रावण मंदिर, जोधपुर, राजस्थान
जोधपुर शहर के एक ऐतिहासिक शहर मंडोर के निवासियों का भी दावा है कि यह रावण की पत्नी मंदोदरी का गृह नगर था और इस शहर के कई ब्राह्मण परिवारों में रावण को दामाद के रूप में माना जाता है। जोधपुर में मुद्रल और दवे ब्राह्मण भी मानते है कि वे राजा रावण के वंशज हैं। वे रावण को अब तक के सबसे महान व्यक्ति और ज्योतिष का पिता मानते हैं। मंडोर रावण मंदिर शहर के लोगों के द्वारा बनाया गया है और माना जाता है कि यह लोगों को असामान्य शक्तियों, काले जादू और सभी प्रकार की बुरी आत्माओं से बचाता है। सभी ब्राह्मण परिवारो के छात्रों के लिए मंदिर में विशेष ज्योतिष कक्षाएं आयोजित की जाती हैं। और वास्तव मेंब्राह्मणों के लिए मंदिर में ज्योतिष सीखना बहुत ही शुभ माना जाता है। दशहरे के अवसर पर इस शहर के लोग किसी भी प्रकार का उत्सव नहीं मनाते हैं।
5. रावणग्राम रावण मंदिर – मध्य प्रदेश
रावणग्राम गाँव के लोग रावण की पूजा करते हैं और यहाँ रावण की 10 फीट की एक प्राचीन मूर्ति है जो लेटी हुई स्थिति में है, जिसकी सभी भक्तों द्वारा पूजा की जाती है। माना जाता है कि मंदिर में रावण की एक प्राचीन मूर्ति है, जिसका निर्माण नौवीं और 14 वीं शताब्दी के बीच किया गया था। ग्रामीणों का मानना है कि 10 फुट की मूर्ति का खड़ा होना एक अपशकुन होगा और कहते हैं कि जब भी ऐसा किया गया था, जिले में कुछ अप्रत्याशित घटना हुई थी। गाँव में, दानव राजा की पूजा 600 वर्षों से अधिक समय से समृद्धि के प्रतीक के रूप में की जाती है।
निष्कर्श
भारत में रावण को समर्पित कुछ ही मंदिर हैं जहां रावण की अन्य देवताओं की तरह ही पूजा होती है। रावण शिव का परम भक्त था। आज के लेख में हमने आपको Dussehra 2022 कब मनाया जाएगा? इससे जुड़ी जानकारी प्रदान करी है। साथ ही हमनेे आपको भारत के ऐसे मंदिरों के बारे में बताया है जहां रावण की पूजा आज भी होती है। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें। अन्य किसी भी जानकारी के लिए नीचे दिये गए कमेंट बॅाक्स क्लिक करके हमसे संपर्क करें।
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