मैं आशा करता हूँ की आप लोग What is SEO in Digital Marketing की जानकारी रखते होंगें | यदि आप जानना चाहते हैं की What is On Page SEO in Hindi तो आप बिलकुल सही जगह पर हैं | On-Page SEO in hindi ? जानने के लिए अंत तक जरूर बने रहें |ऑन-पेज एसईओ की सहायता से आप अपनी वैबसाइट और ब्लॉग को रैंक करवा सकते हैं |वैबसाइट और ब्लॉग को रैंक करवाने के लिए हमें On-Page SEO और Off-Page SEO दोनों की आवश्यकता पड़ती है |जब आप किसी भी सर्च बार में अपने टॉपिक से संबन्धित Keyword डालते हैं तो उस keyword से संबन्धित कई वैबसाइट दिखाई देती हैं |ये सभी वैबसाइट तभी हमें देखाई देती हैं जब अच्छे ढंग से Search Engine Optimization किया जाता है | इंटरनेट पर लाखों की संख्या में website और ब्लॉग मौजूद हैं जिन पर हर दिन हजारों की संख्या में website और ब्लॉग डाले जाते हैं | अपनी website को इन लाखों की संख्या में एक अच्छी Position दिलाना बहुत कठिन है |यदि आप SERP(Search Engine Result Pages) के टॉप 50 पेज में रैंक नहीं कर रहें हैं तो आपकी वैबसाइट पर ट्रेफिक नहीं आना बहुत बड़ी समस्या है |
यदि आपके Content में Quality है तो SERP की नजरों में आपके वैबसाइट और कंटैंट की क्वालिटी बढ़ जाएगी और गूगल एक अच्छी Position में रैंक करवाएगा जिससे traffic में व्रद्धि भी होगी |
यदि आप भी किसी वैबसाइट को रैंक करवाना चाहते हैं और लाखों की संख्या में traffic लाना चाहते हैं तो वैबसाइट का seo करना बहुत जरूरी है |किसी भी वैबसाइट या ब्लॉग को Search Engine के लिए Optimize करने की मुख्यतः तीन Technique मौजूद हैं जिन्हें On-Page SEO , Off-Page SEO और Technical SEO .
इन तीन Technique का उपयोग करके हम किसी भी website को SERP में रैंक करवा सकते हैं |
आज इस लेख में हम जानेंगे की On Page SEO क्या है ?इसके Ranking Factors कौन-कौन से हैं और On-Page SEO Techniques in Hindi कौन-कौन से हैं |चलिये ऑन-पेज एसईओ के बारे में विस्तार से जानते हैं :
On Page क्या है ?- What is On Page SEO in Digital Marketing
On-Page एसईओ को On-Site भी कहा जाता है |ऑन-पेज एसईओ एक ऐसा Process है ,जिससे हम अपने ब्लॉग या website के Pages को कुछ ऐसे Optimize करते हैं कि search engine पर वह एक अच्छे पोजीशन पर रैंक करे जिससे ज्यादा से ज्यादा ट्रेफिक आ सके |ऑन पेज एसईओ एक ऐसी टेक्निक है जिसकी मदद से हम website के इंटरनल फ़ैक्टर्स जैसे कि Title Tag Optimization , Meta Description Optimization ,Image ,Alt Text आदि को एसईओ के नियमानुसार Optimize करते हैं जिससे कि Google का Spider जब भी हमारे Content को पढे तो उसे कोई कमी न मिले और यदि उसे कोई कमी नहीं मिलेगी तो Google का Spider उसे अच्छे पोजिसन पर रैंक कराने का प्रयास करेगा |
यदि आप भी फ्री में Organic traffic पाना चाहते हैं तो आपको अपने ब्लॉग को कुछ इस तरह से लिखकर Optimize करना होगा कि Google और Users को अच्छी तरह से पसंद और समझ भी आए तभी आपका पोस्ट सर्च इंजिन में रैंक होने कि संभावना है |
What is On Page SEO Factors
अपने पोस्ट को सर्प में फर्स्ट पेज पर रैंक करने के लिए हमें ब्लॉग अथवा वेबसाइट पर कई चीजों को ऑप्टिमाइज़ करना होता है ताकि गूगल के स्पाइडर को ये अच्छी तरह से समझ में आये की हमारा ब्लॉग किस बारे में लिखा गया है। अपने ब्लॉग अथवा वेबसाइट को फर्स्ट पेज पर रैंक कराने के लिए नीचे लिखी निम्न चीजों को ऑप्टिमाइज़ करने की जरूरत होती है :
- Keyword Research
- Title Tag
- URL Structure Optimization
- Heading (Header Tag Optimization)
- Meta Description Optimization
- Keyword Density
- Links(Broken Links,Internal Links,External Links)
- Image Optimization
- Alt Text
- Website Speed and Web Page Speed Optimization
- Mobile Friendly Sites
- Content Duplicacy
इन सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखकर यदि आप अपने पोस्ट को ऑप्टिमाइज़ करते हैं तो शायद हो सकता है की आपके ब्लॉग पोस्ट को सर्कग इंजन में एक अच्छी पोजीसन मिलने की सम्भावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है |
On Page SEO कैसे करें ? – What is On Page SEO Optimization in Hindi
Keyword Research :
जब भी आप किसी ब्लॉग पर आर्टिकल लिखते हैं तो पहले आप ऐसे लॉन्ग टेल कीवर्ड्स को सेलेक्ट करें जिन्हें गूगल Search इंजन में अधिक सर्च किया जाता है और उनका कीवर्ड डेफिकल्टी भी कम हो जिससे उन कीवर्ड से रैंक कराने में आसानी हो जाती है। यदि हम बिना कीवर्ड रिसर्च किये ब्लॉग पोस्ट लिखते हैं तो गूगल पर रैंक कराना काफी मुश्किल हो जाता है।
सबसे खास बात अपने कीवर्ड को २००-३०० शब्दों में २-३ बार प्रयोग करना चाहिए ताकि वेबसाइट अल्गोरिथम द्वारा दण्डित न किया जाए। आपको इंटरनेट पर कई सारे पेड और फ्री टूल मिल जायेंगे जिनसे आप कीवर्ड रिसर्च करके सो फ्रेंडली ब्लॉग पोस्ट लिख सकते हैं। अगर आपकी वेबबसीते अथवा ब्लॉग नया है तो लॉन्ग टेल कीवर्ड का प्रयोग करना चाहिए जो की हमारे पोस्ट के लिए बहुत अच्छा होगा। वेबसाइट पर ट्रैफिक आने के बाद आप मध्यम या शार्ट टेल कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं |Keyword Research के लिए आप निम्न टूल को इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे की :
- Google Keyword Planner
- Semrush
- Ahref
- Ubersuggest
Title Tag Optimization
जब भी आप अपने किसी ब्लॉग पोस्ट के वेब पेज को नाम देते हैं तो उसे Title कहते हैं। टाइटल हमारा Unique होना चाहिए और उसमे आपके पोस्ट की जानकारी यूजर फ्रेंडली होना चाहिए ताकि यूजर टाइटल को देखते ही आपकी साइट पर क्लिक करने के लिए मजबूर हो जाये। हमारे टाइटल की Length 50 से 60 Character की होनी चाहिए और Title में हमारा Focus Keyword जरूर रखना चाहिए । एक Attractive Title Tag के जरिये आप Search Engine से ज्यादा से ज्यादा Clicks Generate कर सकते हैं जो आपके ब्लॉग की CTR को बढ़ाता है |
URL Structure Optimization
हमारे Title की तरह हमारे पोस्ट के लिए Permalink भी On-Page SEO लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यूआरएल में हमारे वेबसाइट और वेबसाइट का एड्रेस होता है। यूआरएल में हमारा कीवर्ड होना चाहिए और ध्यान रहे की हमारा यूआरएल ज्यादा लम्बा नहीं होना चाहिए। URL में Lowercase Letter का इस्तेमाल करना चाहिए। यूआरएल में Special Character का इस्तमाल नहीं होना चाहिए |
Heading (Header Tag Optimization)
Header Tag का Use टॉपिक और कंटेंट की सही इनफार्मेशन के आधार पर करना चाहिए। वेबसाइट में ब्लॉग के लिए H1,H2 का इस्तेमाल होना बहुत जरूरी है हमें अपने ब्लॉग पोस्ट के Title को हमेशा H1 टैग में और बाकि सारे Headings को H2,H3,H4 में रख सकते हैं। अपने टारगेट Keyword Phrases को फोकस करके सर्च इंजन में रैंक कर सकते हैं |
Meta Description Optimization
Meta Description एक ऐसा पार्ट होता है जहाँ पर आप अपने ब्लॉग पोस्ट को शार्ट में डिफाइन करते हैं कि हमारे पोस्ट या आर्टिकल में क्या लिखा और वह किसके बारे में लिखा है। Description Tag कि Length 160 से 165 Character से अधिक नहीं होना चाहिए। आपका Description User Friendly होना चाहिए कि यूजर आपके डिस्क्रिप्शन को देखते ही आपके पोस्ट को पढ़ें के लिए क्लिक करने पर मजबूर हो जाये। और आपके डिस्क्रिप्शन में आपके कीवर्ड का होना चाहिए क्यों कि गूगल आपके टाइटल और डिस्क्रिप्शन दोनों के Keyword को SERP में Highlight करता है। सर्च इंजन के नजर में टाइटल और यूआरएल के बाद तीसरा महत्वपूर्ण भाग डेस्क्रिप्शपन होता है |
Keyword Density
कीवर्ड डेंसिटी कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन का एक पार्ट है जो वेबपेज / ब्लॉग पोस्ट में यूज किये जाने वाले टार्गेटेड वर्ड्स कि संख्या का प्रतिशत होता है। यह आपके आर्टिकल के अंदर प्रयोग होने वाले कुल शब्दों कि संख्या के आधार पर टार्गेटेड कीवर्ड्स के उपयोग होने कि संख्या को दिखाता है। यह एक संकेत है जिसे एक सर्च इंजन यह निर्धारित करने के लिए उपयोग करता है कि विशेष कीवर्ड या लाइन किसी विशेष वेब कंटेंट के हिस्से से संबंधित है या नहीं।
How to Calculate Keyword Density ?किसी भी ब्लॉग पोस्ट में कीवर्ड के डेंसिटी को कैलकुलेट करना काफी आसान है। आप एक आर्टिकल पर दिखाई देने वाले टार्गेटेड कीवर्ड कि संख्या को ले और उसे उस आर्टिकल के कुल शब्दों कि संख्या से डिवाइड कर दें।
Keyword Density = Targeted Keyword / आर्टिकल पर दिखाई देने वाले शब्दों की कुल संख्या
आप फ्री में Keyword Density Checker Tool का इस्तेमाल कर सकते हैं | जैसे कि कुछ टूल निम्नलिखित हैं :
- Smallseotools.com
- Tools.seobook.com
- Prepostseo.com
- Thehoth.com
- SEOreviewtools
- SEOBook
- Visionspark
- Duplichecker
Links(Broken ,Internal and External Links)
हम SEO में तीन प्रकार से लिंक्स को देखते हैं। जैसे कि :
- Broken Links
- External Links
- Internal Links
Broken Links
Broken Links वे लिंक होते हैं जो वेब पेज पर उपलब्ध नहीं होते हैं या गलत या स्थानांतरित हो गए होते हैं। इससे पाठकों को आपके साइट की उपयोगिता में धोखा मिलता है और सर्च इंजन रैंकिंग पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
On-Page SEO करते समय आपको अपने ब्लॉग पर Broken Links पर जरूर ध्यान देना चाहिए और यदि पोस्ट में कोई Broken Links मिलती हैं तो उसे Optimize करें नहीं तो गूगल आपके साइट को अपने रैंकिंग में कोई पोजीशन नहीं देगा।
Internal Links
Internal Links का मतलब है जो एक वेबसाइट के अंदर ही अन्य पेजों के साथ जुड़े होते हैं। ये लिंक्स एक वेबसाइट के विभिन्न पेजों को एक-दूसरे से जोड़ते हैं और पाठकों को आसानी से वेबसाइट की अन्य सामग्रियों तक पहुंचने में मदद करते हैं। Internal Links Site के Structure को मजबूत करने के साथ-साथ SEO से भी संबंधित होते हैं क्योंकि इन्हें इस्तेमाल करके साइट की Web Page गहराई से विश्लेषित की जा सकती है।इंटरनल लिंक्स का On-Page SEO में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है । इसकी हेल्प से आपके ब्लॉग के ट्रैफिक और रैंकिंग में सुधार आता है। अपने पोस्ट को रैंक कराने का यह सबसे उत्तम तरीका है और यह हमारी ब्लॉग अथवा Website कि Bounce Rate को कम करता है और पेज View बढ़ने में काफी हेल्पफुल है |
External Links
एक्सटर्नल लिंक्स वे होते हैं जो वेब पेज के बाहरी स्रोतों पर ले जाते हैं। इन लिंक्स के जरिये हम दूसरे वेबसाइट पर पहुंच सकते हैं |एक्सटर्नल लिंक्स को आप ऐसे समझ सकते हैं कि आप जिस टॉपिक में ब्लॉग पोस्ट लिख रहे हैं उस टॉपिक से सम्बंधित किसी दूसरे वेबसाइट कि लिंक आपको अपने पोस्ट में जरूर डालनी चाहिए इससे रैंकिंग बूस्ट होती है और गूगल को आपके पोस्ट के बारे में जानकारी भी मिल जाती है। लेकिन आपको इस बात पर जरूर ध्यान देना होगा कि एक्सटर्नल लिंक्स उसी वेबसाइट या पोस्ट में देनी चाहिए जो आपके कंटेंट के टॉपिक से बहुत ज्यादा मेल खाता हो और इसके साथ आप nofollow tag का उसे outgoing link में जरूर करना चाहिए |
Image Optimization and Add Alt Text
किसी भी ब्लॉग पोस्ट का ऑन-पेज SEO करते समय हमें इमेज के बारे में जरूर ध्यान देना चाहिए। On-Page SEO में image को Optimize करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। यदि हमने इमेज को अच्छे ऑप्टिमाइज़ नहीं किया तो हमारे रैंकिंग में बहुत बुरा प्रभाव छोड़ता है। हमें इमेज कि साइज को 60 से 80 KB से ज्यादा नहीं रखनी चाहिए और हो सके तो इमेज को Webp format में इस्तेमाल करना चाहिए। और Alt Text वह है जो जिसमें हम इमेज का नाम या टॉपिक से सम्बंधित Keyword डिफाइन करते हैं। हमें on-page seo करते समय ऑल्ट टेक्स्ट जरूर add करना चाहिए क्यों कि हमारी इमेज भी सर्च इंजन में रैंक करती है |
Website Speed and Web Page Speed Optimization
ऑन-पेज सो में Page Load Speed एक बड़ा और important factor है। आपके वेबपेज को लोड होने में 2 से 4 सेकंड से ज्यादा समय नहीं लेना चाहिए क्योंकि अधिकतर लोग ४ सेकंड के अंदर ही आपकी साइट को छोड़कर चले जाते हैं। slow speed से लोड होने वाला वेबपेज High Bounce Rate कि ओर ले जाता है। इसलिए आपको अपने वेबपज और वेबसाइट कि स्पीड को इम्प्रूव करना चाहिए। ताकि यूजर जो इंफोर्मशन चाहता है उसे बहुत ही कम समय में मिल जाये |
जानें : Google AdSense Approval Kaise Le ? SEO सीखने वालों को जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है
Mobile Friendly Sites
Mobile Friendly Sites के लिए आपको वेबसाइट को ऐसे तैयार करना होगा जो मोबाइल उपकरणों पर सही ढंग से प्रदर्शित हो सके और उपयोगकर्ताओं को अच्छी तरह से अनुकूलित किया जा सके। इसका मतलब है कि आपकी साइट का डिज़ाइन मोबाइल स्क्रीन के आकार और User के अनुकूल होना चाहिए जिससे User आसानी से navigate कर सके और साइट की element को समझ सके। ऐसी Sites Users को बेहतर अनुभव प्रदान करती हैं और उन्हें साइट पर अधिक समय बिताने के लिए प्रेरित करती हैं।
Content Duplicacy
जैसा कि आप जानते हैं कि ब्लॉग्गिंग कि दुनिया में कंटेंट को किंग कहा जाता है। आपको अपने कंटेंट को रैंक कराने के लिए आपका Content Original और Unique होना चाहिए।आपका कंटेंट Copied भी नहीं होना चाहिए ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप Copied Content को थोड़ा बहुत चेंज करके इस्तेमाल कर लें ऐसा नहीं होना चाहिए इससे आपको बचना चाहिए इससे आपकी वेबसाइट सर्च इंजन में कभी भी रैंक नहीं हो पायेगी। आप जब भी कंटेंट को Publish करते हैं तो पब्लिश करने से पहले कंटेंट कि Duplicacy को जरूर चेक कर लेना चाहिए। इसके लिए आपको बहुत सारे ऑनलाइन टूल्स मिल जायँगे जिससे आप कंटेंट कि डुप्लीकेसी को चेक कर सकते हैं |जैसे कि कुछ टूल दिए गए जिनसे आप फ्री में कंटेंट डुप्लीकेसी को चेक कर सकते हैं :
- Plagiarism
- Moz..etc.
On-Page SEO क्यों जरुरी है ? – Importance Of On-Page SEO
आपने देखा होगा कि आजकल लोग इंटरनेट पर चीजें सर्च इंजन कि मदद से खोजते हैं यदि आपका ब्लॉग/पोस्ट रैंक नहीं कर रहा है तो लोग आपके ब्लॉग तक नहीं पहुंच सकते हैं क्योंकि मेरा मानना है कि दुनिया में हर कोई Google कि सहायता से आवश्यक जानकारी को ढूढ़ता है। और आपको अपने ब्लॉग पोस्ट को गूगल सर्च इंजन के फर्स्ट पेज पर रैंक करने के लिए आपको SEO Techniques को सीखना बहुत ही आवश्यक है। यदि आपको सर्च इंजन ट्रैफिक चाहिए तो On-Page SEO करना पड़ेगा और यदि आपकी पोस्ट फर्स्ट पेज पर रैंक कर गयी तो तो इसक फायदा पूरे ब्लॉग को मिलता है , ट्रैफिक ही नहीं बढ़ता बल्कि इसकी Page Authority और Domain Authority भी बढ़ती है। सके तो हमें पेज लेवल ऑप्टिमाइजेशन पर फोकस करना चाहिए क्योंकि जब हम किसी ब्लॉग आर्टिकल को रैंक कराने में सफल हो जाते हैं तो उस पोस्ट के जरिये दूसरे पोस्ट पर भी हम भी आसानी से ट्रैफिक इंटरलिंकिंग के जरिये ले जा सकते हैं |
इस पर भी ध्यान दें : घर बैठे ऑनलाइन इंटरनेट से मोबाइल का प्रयोग करके पैसे कैसे कमाए।
Conclusion
मैं आशा करता हूँ कि मैंने आप लोगों को What is On-Page SEO in hindi के बारे में पूरी जानकारी देने कि कोशिश कि और आप लोगों What is On-page SEO in Digital Marketing के बारे में पूरी तरह से समझ ही गए होंगें। यदि आपके मन कोई संदेह हैं तो कमेंट करके पूछ सकते हैं। यदि आप SEO में Career बनाना चाहते है तो आप ऑनलाइन सीख सकते हैं नहीं आप चाहे तो ऐसी बहुत सी कंपनी आपको मिल जाएगी जहाँ पर On-Page SEO internship कराया जा रहा है आप वहां से कर सकते हैं।